5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति shiv chalisa in hindi दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।

वेद माहि महिमा more info तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

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